TOP GUIDELINES OF SIDH KUNJIKA

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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति तृतीयोऽध्यायः

धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा।।

नवरात्रि में देवी को प्रसन्न करने के लिए इसका पाठ करें. जानते हैं सिद्ध कुंजिका पाठ की विधि और लाभ.

पां पीं पूं पार्वती पूर्णा खां खीं खूं खेचरी तथा ।

धां धीं धू धूर्जटे: पत्नी वां वीं वूं वागधीश्वरी।

दकारादि श्री दुर्गा सहस्र नाम स्तोत्रम्

देवी माहात्म्यं अपराध क्षमापणा स्तोत्रम्

श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तरशत नाम्स्तोत्रम्

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति एकादशोऽध्यायः

धां धीं धूं धूर्जटेः पत्नीः, वां वीं वागधीश्वरी तथा।

iti śrīrudrayāmalē gaurītantrē śiva pārvatī saṁvādē kuñjikā stōtraṁ sampūrṇam

ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ॐ ग्लौं हुं क्लीं जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं here क्षं फट् स्वाहा।।

इसके लिए मां दुर्गा के समक्ष घी का दीपक जलाएं. इसे देवी की तस्वीर के दाईं तरफ रखें.

इति श्रीरुद्रयामले गौरीतन्त्रे शिवपार्वतीसंवादे सिद्ध कुंजिका स्तोत्र

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